नई दिल्ली
तोक्यो ओलिंपिक में भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 49 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है, वहीं महिला हॉकी टीम भी शुरुआती मैचों में हार के बाद बेहतरीन कमबैक करते हुए क्वॉर्टरफाइनल में पहुंच गई है। दोनों टीमों के बेहतरीन प्रदर्शन ने लंबे समय बाद हॉकी में पदक की उम्मीद जगाई है। हॉकी टीमों को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए देशभर से बधाई तो मिल रही है, इसे लेकर ओडिशा सरकार की भी तारीफ हो रही है। अब आप सोच रहे होंगे की हॉकी टीमों के प्रदर्शन से ओडिशा का क्या लेना-देना? आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर भारतीय हॉकी टीम के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद यह राज्य चर्चा में क्यों है…
ओडिशा के कई खिलाड़ी भारतीय हॉकी टीम के या तो हिस्सा रहे हैं या नेतृत्व किया है। चाहे पूर्व कैप्टन प्रबोधन टिर्की हो, वेटरन खिलाड़ी दिलीप टिर्की हो या फिर वर्तमान में तोक्यो ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के उपकप्तान बीरेंद्र लकड़ा हों या महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी दीप ग्रेस एक्का, इन सभी ने हॉकी में राज्य और देश का नाम रोशन किया है।
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India hockey Team Reach Semi-final: भारत 49 वर्ष बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा, क्या हॉकी में लौटेंगे सुनहरे दिन?
ओडिशा का भारतीय हॉकी को आगे बढ़ाने में योगदान यहीं तक सीमित नहीं है। ओडिशा सरकार भारतीय हॉकी के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है। ओडिशा सरकार के हॉकी प्रेम और उसे आगे बढ़ाने की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि यह राज्य भारत की महिला, पुरुष और जूनियर हॉकी टीमों का 2018 से आधिकारिक स्पॉन्सर है। पिछले कुछ सालों में हॉकी के कई बड़े टूर्नमेंट जैसे पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप, वर्ल्ड लीग, प्रो लीग और ओलिंपिक क्वॉलीफायर्स का आदि के मैच राजधानी भुवनेश्वर में हुए हैं। ओडिशा लगातार हॉकी टीमों की विभिन्न तरीके से मदद करता रहता है।
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रविवार को भारतीय हॉकी टीम की हौसलाफजाई करते ओडिशा सीएम नवीन पटनायक
ओडिशा सरकार ने रविवार को भारतीय टीम की जीत के बाद बयान जारी कर कहा, ‘भारतीय पुरुष हॉकी टीम लंबे वक्त के बाद ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है। ओडिशा सरकार भारतीय हॉकी का गौरव वापस लाने के लिए 2018 से ही सभी देश की सभी राष्ट्रीय हॉकी टीमों (महिला, पुरुष और जूनियर ) की मदद कर रही है। हम देश के इकलौते राज्य हैं जो किसी भी नैशनल हॉकी टीम के आधिकारिक पार्टनर हैं। लगातार सपोर्ट मिलने से भारतीय टीमों के प्रदर्शन में स्थिरता आई है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि ओलिंपिक हॉकी में मेडल जीतने का देशवासियों का सपना पूरा होने से अब ज्यादा दूर नहीं है।’
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भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, पहली बार ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह
सीएम नवीन पटनायक ने इस मौके पर ट्वीट कर कहा, ‘यह गर्व की बात है कि पुरुष हॉकी टीम ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है और महिला हॉकी टीम ने 71 साल के इतिहास में पहली बार ओलिंपक के क्वॉर्टरफाइनल में जगह बनाई है। ओडिशा के लोगों के इस बात का गर्व है कि हम दोनों राष्ट्रीय टीमों की लंबे वक्त से मदद कर रहे हैं। सबको दिल से शुभकामनाएं।’
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Women hockey team in Olympics.
A true sportsmanship.
About Olympics 2021 Tokyo.
The scene is the final of men’s high jump at the Tokyo Olympics. Italy’s Gianmarco Tamberi was facing Qatar’s Mutaz Essa Barshim in the final. Both of them jumped 2.37 meters and were on par ! Olympic officials gave three more attempts to each of them, but they were unable to reach more than 2.37 meters.
One more attempt was given to two both of them, but Tampberi withdrew from the last attempt due to a serious leg injury. The moment when there was no other opponent in front of Barshim, the moment when he could have easily approached the gold alone !
But Barshim asked the official “if the gold can be shared between the two of us if I withdraw from the final attempt ?” The official checks and confirms and says “yes then the gold will be shared between the two of you”. Barshim then had nothing to think about, announces withdrawal from the last attempt.
Seeing this, the Italian opponent Tamberi ran and hugged Barshim and screamed ! What we saw there was a great share of love in sports that touches our hearts. It reveals the indescribable sportsmanship that makes religions, colors and borders irrelevant !!!